#Shaayari मलाल है मगर इतना मलाल थोड़ी है,ये आंख रोने की शिद्दत से लाल थोड़ी है!!
बस अपने वास्ते ही फ़िक़्रमंद हैं सब लोग,यहां किसी को किसी का ख़याल थोड़ी है!!
परों को काट दिया है उड़ान से पहले,ये ख़ौफ़ ए हिज्र है शौक़ ए विसाल थोड़ी है!!
मज़ा तो तब है कि हम हार के भी हंसते रहें,हमेशा जीत ही जाना कमाल थोड़ी है!!
रचयिता मोहतरमा परवींन शाकिर जी ✍️