White जटा से जिनके बहती गंगा
नीलकंठ जिनका नाम है
भंग धतूरा जिनको भाए
वो ही शक्ति के प्राण नाथ है
गले में जिनके सर्प विराजे
वो ही वासुकिनाथ हैं
तीन नेत्र को धारण करने वाले
त्रिनेत्रधारी ,,वहीं कहलाये
हिमालय की चोटी पर रहते
या बसते काशी के घाटों पर
श्मशान है जिसका डेरा
वो ही तो विश्व के नाथ हैं
महाकाल ,महादेव मेरे शिव शंकर भोलेनाथ हैं
©मित्रों
#good_night hindi poetry on life hindi poetry poetry lovers