नौ दिन की यह महिमा, दुर्गा का आशीर्वाद,
तेरे संग मनाते हम, सजे जीवन का उल्लास।
खुशियों की बहार संग, हर रंग में तू निखरे,
तेरे बिना अधूरी सी, यह नवरात्रि की साज।
सजी हैं राधा की बगिया, जैसे तू खिलखिलाए,
मंदिरों की घंटियाँ गूंजे, प्रेम भरे रिश्ते लाए।
रातों में संग दीप जलें, तेरे संग मन की बातें,
हर क्षण में तेरा साया, जैसे देवी की महकातें।
जय माता दी के संग-संग, तेरा साथ निभाएँगे,
तेरे बिन अधूरा मेरा, हर त्योहार मनाएँगे।
तेरे संग ही आएंगी, खुशियों की नई बौछार,
नवरात्रि की इस बेला में, बस तेरा ही प्यार।
©विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात )
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