उसके लिए मैं
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सिर्फ गिनती के उम्र बदलते है,
सच्ची मोहब्बत की कोई उम्र नही होती है,
कभी-कभी सोचता हूं क्या ही कर रहा हूं मैं ,
ऐसे भी कोई मोहब्बत करता है क्या
बदलते लोगों के इस दौर में।
अगर खुद को मूर्ख कहूं तो,
उसे खुश रखने,उसे समझने की समझ कहां से आती है,
अगर सिर्फ लगवा कहूं तो,
बंदिशे होने के बाद भी बढ़ती चाहत कहां से आती है,
अगर मैं अपनी मोहब्बत को वासना कहूं तो,
उम्र भर साथ रहने का ख्याल क्यों आता है,
अगर मैं उसके जीवन के प्रति हमदर्दी कहूं तो,
उसके सैकड़ों गलतियों पर भी
उसे माफ करके फिर से उमड़ते प्रेम को मैं क्या नाम दूं ।
ऐसा लगता है वो है तो ही मेरा यहां होना सार्थक है,
दुनियां से प्रीत छूटा है सिर्फ उसके लिए,
मेरे खुद के तमाम सपनें कब के पीछे छूट गए है,
बस एक सपना मेरी जिंदगी का मकसद बन गया है,
की उसे सभी वेदनाओं से बचाते हुए,
उसे एक मुस्कान भरी जिन्दगी तोहफे में दूं,
मैं उसे किसी तरह के प्रेम से अछूता नहीं रहने देना चाहता हूं ।
मुझे हमेशा से ही इस बात का अभिमान रहा है
की वो मेरे जीवन का हिस्सा रही है,
ऐसा लगता है शिव जी ने स्वयं हमारी जोड़ी बनाई है,
जो मैं काशी आया और उसी का हो कर रह गया ....
©Abhi
उसके लिए मैं