White मुझी से प्यार करना चाहते हो
मुझे ही आजमाना चाहते हो।
अपनी जान की बाज़ी लगा कर
क्यों मुझ से हार जाना चाहते हो।
यूं ही तुम जाग कर रातों में अक्सर
मेरे सपने सजाना चाहते हो।
तुम्हारी गोद में सर रख के रो लूं
मोहब्बत में यही तुम चाहते हो।
ये दिल कब से पड़ा है बंद मेरा
इसे क्यों खटखटाना चाहते हो।
नहीं होता मुझे महसूस कुछ भी
क्यों जबरन दिल में आना चाहते हो।
यकीं है मुझको एक उसकी वफ़ा पर
क्यों मुझको सच बताना चाहते हो।
यकीनन मैं तो एक बुझता दिया हूं
मुझे क्यों फिर जलाना चाहते हो ।
वो मेरा श्याम है मैं उसकी राधा
क्यों उसकी छवि मिटाना चाहते हो।
प्रज्ञा शुक्ला, सीतापुर
©#काव्यार्पण
मुझी से प्यार करना चाहते हो!!
by pragya Shukla sitapur
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