फूलों जैसे दिखने वाले...
रखते हैं कांटे जुबान में..!
कितना कुछ देखो बदल गया...
है ये आज के इंसान में.!!
मेहनत छोटी छोटी चाहें...
बिना कमाये रोटी चाहें..!
काम धाम करने से बचते...
औ' इंकम सब मोटी चाहें.!!
हेर फेर तक करना चाहें...
ब्रह्मा के लिखे विधान में.!!
कितना कुछ देखो....
सुनील आजाद