कितने दिनों के बाद
उसकी गली में मैं आया था
छोड़ जब उसको
किसी और की बाहें थाम
यहाँ से चल दिया था
कुछ भी नहीं बदला था
जैसा छोड़ गया था
वैसा ही सब नज़र आ रहा है
बस वो बदली हुई थी दिख रही थी
कुछ बुदबुदा रही थी
अचानक हँस पड़ती थी
दर्द मैंने गहरा दे दिया था
देख उसको आँखों से आँसू
थम नहीं रहा था
©Prabhat Kumar
#प्रभात लाइफ कोट्स