पर साथ वो नहीं
आज उसका साथ ना होना,
पर उसकी आंखों की
वो नमी जैसे बारिश की बूंदे
जो आज भी इस दिल को
भिगाकर बेचैन कर जाती है।
उससे बस बातें करनी थी
जो उस खत में लिखी थी
जिसे पढ़ने का वक्त होते हुए,
उसने वो खत पढ़ा ही नहीं।
उससे प्यार करते है
बस इस जमाने की बातें,
जो हर बार उमर आए और प्यार के
बीच में एक दिवार बनकर खड़ी है।
इसी दिवार में खुद की
जिंदगी जैसे हात में लिए,
उसे समझा रहें है इस जिंदगी
में बची बातें उसका साथ नहीं।
©Shabdrangi_Fulpakhru
#Batain #Unkahin #Yadein