अपने बेटे की कामयाबी पे फूले नहीं समाती है।
लौट कर आ जाओ परदेशी भारत माता बुलाती हैं।।
अपना आसमां हैं अपना ज़मीं हैं।
यहां पर किस चीज़ की कमी है।।
कौन ऐसी चीज़ हैं विदेशों में जो तुझे लुभाती हैं।
लौट कर आ जाओ परदेशी भारत माता बुलाती हैं।।
मै मानता हुं सबको रोज़ी रोटी जरूरी है।
पर तेरे बिना मां का प्रेम अधूरी हैं।।
तुम्हीं बताओ कौन मां अपने बेटे को भूखे सुलाती है।
लौट कर आ जाओ परदेशी भारत माता बुलाती हैं।।
अपनी मां को कैसे भुल गया तू,,,
गैरों संग मिल जुल गया तू,,,
दर्द दुगुना बढ़ जाता हैं जब पन्द्रह अगस्त छब्बीस जनवरी आती हैं।
लौट कर आ जाओ परदेशी भारत माता बुलाती हैं।।
©P. k Suman