"White बिखरे हुए गुलों को उठा कर चले गये।
शिकवे-गिले दिलों के मिटा कर चले गये।।
खुद रोये साथ मुझको रुला कर चले गये।
तूफान कोई दिल में उठा कर चले गये।।
दुनिया नई बसाने का वादा था जिस जगह।
मेरा जहाँ वहीं वो मिटा कर चले गये।।
आया न रास रंग कोई आंखों को मेरी।
मंज़र हसीं निगाह में आ कर चले गये।।
आया न फिर करार वो जबसे ज़ुदा हुए।
"राज़" ख़ुशी के पल सभी आ कर चले गये।।
©Raj Guru
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