एक दिन, मैं तुमको ब्रह्मांडीय क्षेत्र में मिलूंगा | English Poetry

"एक दिन, मैं तुमको ब्रह्मांडीय क्षेत्र में मिलूंगा, जहां कोई बिच्चेद नहीं होगा, कोई अहंकार नहीं होगा, इंद्रियों का कोई प्रभाव नहीं होगा। जो सूक्ष्म जगत से परे, रूपों और आकृतियों की दुनिया से परे होगा, केवल सर्वव्यापी प्रेम होगा वहां पर। प्रेम, जो चिरस्थायी, अशर्त, सचेतन, प्रबुद्ध होगा। जहाँ तुम समय और परिसीमा की सीमाओं को लाँघकर सदा मेरे साथ रहोगे। ©Subhankar"

 एक दिन,

मैं तुमको ब्रह्मांडीय क्षेत्र में मिलूंगा,
जहां कोई बिच्चेद नहीं होगा,
कोई अहंकार नहीं होगा, इंद्रियों का कोई प्रभाव नहीं होगा।
जो सूक्ष्म जगत से परे,
रूपों और आकृतियों की दुनिया से परे होगा,
केवल सर्वव्यापी प्रेम होगा वहां पर।
प्रेम, जो चिरस्थायी, अशर्त, सचेतन, प्रबुद्ध होगा।
जहाँ तुम समय और परिसीमा की सीमाओं को लाँघकर सदा मेरे साथ रहोगे।

©Subhankar

एक दिन, मैं तुमको ब्रह्मांडीय क्षेत्र में मिलूंगा, जहां कोई बिच्चेद नहीं होगा, कोई अहंकार नहीं होगा, इंद्रियों का कोई प्रभाव नहीं होगा। जो सूक्ष्म जगत से परे, रूपों और आकृतियों की दुनिया से परे होगा, केवल सर्वव्यापी प्रेम होगा वहां पर। प्रेम, जो चिरस्थायी, अशर्त, सचेतन, प्रबुद्ध होगा। जहाँ तुम समय और परिसीमा की सीमाओं को लाँघकर सदा मेरे साथ रहोगे। ©Subhankar

Unconditional Love
#Subhankar

#YouNme

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