पिंजरे से खुद को आजाद किया है,
बंदे से लगी थी मुझ पर,
आज मैंने खुद को आजाद किया है।
रोक-टोक के पिछड़े से आज,
खुद को आजाद किया है।
अब तो इन खुली वादियों में अपने,
तरीके से मुझे जीना है।
इस आजादी को नया इतिहास बनाना है।।
©versha rajput
lagi pavandi unse Azad hona hai