"White दे के खुशियाँ गमों को भुलाते रहे।
सूनी पलकों पे सपने सजाते रहे।।
तीरगी ज़िन्दगी की मिटाने को अब।
दिल चरागों सा खुद का जलाते रहे।।
प्यार परवान चढ़ता रहे रात दिन।
रूठ जाएँ जो हम तुम मनाते रहे।।
घर दीवारों से बनता कहाँ है कोई।
ख्वाहिशों से इसे तुम सजाते रहे।।
वार दिल पे तुम्हारे जिन्होंने किये।
उनके ज़ख्मों पे मरहम लगाते रहे।।
जो बताते हैं बस खामियाँ आपकी।
राबता उनसे थोडा निभाते रहे।।
ये चिराग़े-मुहब्बत है दिल का सुकूँ।
हम जलाते रहें तुम बुझाते रहे।।
©Raj Guru
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