वह और कि आशा करे ना करे, जिसे आश्रय श्री हरि नाम का है। उसे स्वर्ग से मित्र प्रयोजन क्या, नितवासी जो गोकुल धाम का। बस सार्थक जन्म उसी का यहां, हरे कृष्णा जो चाकर श्याम का है। बिना कृष्ण के दर्शन के जग में यह जीवन ही किस काम का है।🙏 हरे कृष्णा, हरे कृष्णा, कृष्णा-कृष्णा, हरे-हरे🙏 हरे रामा, हरे रामा, रामा-रमा, हरे-हरे🙏
वह और कि आशा करे ना करे, जिसे आश्रय श्री हरि नाम का है। उसे स्वर्ग से मित्र प्रयोजन क्या, नितवासी जो गोकुल धाम का। बस सार्थक जन्म उसी का यहां, हरे कृष्णा जो चाकर श्याम का है। बिना कृष्ण के दर्शन के जग में यह जीवन ही किस काम का है।🙏 हरे कृष्णा, हरे कृष्णा, कृष्णा-कृष्णा, हरे-हरे🙏 हरे रामा, हरे रामा, रामा-रमा, हरे-हरे🙏