Sudha Tripathi

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#भक्ति #ramnavmi  White 

आल्हा छंद  मुक्तक

रामायण प्रसंग -जामवंत का हनुमान जी को आत्मबोध करना

जामवंत कहते बजरंगी, चुप बन बैठे क्यों पाषाण।
 भूले हो क्यों अपनी क्षमता, किसमें है तेरा कल्याण।।
न हो सके जो तुमसे बोलो, कठिन कौन सा ऐसा काम। 
 नहीं जगत में तुमसा कोई,दूजा स्वीकारो हनुमान।।


दीर्घकाय पर्वत से होकर,लिए शक्ति अपनी पहचान।
 चुका सके ऋण अनुदानों का, जीवन कर अपना बलिदान।।
 जो कुछ भी कर पाए उसका , नहीं कभी मन में हो  दम्भ ।
सिंहनाद करके फौलादी,ले संकल्प किये प्रस्थान।।

*सुधा त्रिपाठी*

©Sudha Tripathi

#ramnavmi आल्हा छंद मुक्तक रामायण प्रसंग -जामवंत का हनुमान जी को आत्मबोध करना जामवंत कहते बजरंगी, चुप बन बैठे क्यों पाषाण। भूले हो क्यों अपनी क्षमता, किसमें है तेरा कल्याण।।

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#BooksBestFriends #कविता  
              
साधना जैसे मन को शांति और स्थिरता देता
 वैसे ही किताबों का अध्ययन ज्ञान से भर देता
 पढ़ो पढ़ो और खूब पढ़ो कि पढ़ो पढ़ो और खूब पढ़ो.... 

जीवन की सुगमता का कारण, पुस्तकों को बतलाकर
 चरित्र निर्माण हेतु नैतिकता सिखलाकर,
रात्रि विश्राम से पूर्व जो स्वाध्याय कर लेता 
उनको किताबों का अध्ययन ज्ञान से भर देता
 पढ़ो पढ़ो और खूब पढ़ो की पढ़ो पढ़ो और खूब पढ़ो.... 

 सर्वांगीण विकास है करती, सामाजिकता की राह दिखाकर
 सुख आनंद भंडार भर देती,ज्ञान सुधा की नित्य बहाकर 
कठिन सवालों को सुलझाएं जो,नित्य अध्ययनकर्ता 
उनको किताबों का अध्ययन ज्ञान से भर देता
 कि पढ़ो पढ़ो और खूब पढ़ो पढ़ो पढ़ो और खूब पढ़ो....


बचपन से आखरी साँसो तक, राह हमें दिखाती
राष्ट्र निर्माण कर पुनर्जागरण कर, संस्कृति संरक्षित करती
 नवचेतना का संचार कर, युग परिवर्तन कर देता
 वैसे ही किताबों का अध्ययन, ज्ञान से भर देता
  पढ़ो पढ़ो और खूब पढ़ो पढ़ो पढ़ो और खूब पढ़ो....

©Sudha Tripathi

#BooksBestFriends 31. साधना जैसे मन को शांति और स्थिरता देता वैसे ही किताबों का अध्ययन ज्ञान से भर देता पढ़ो पढ़ो और खूब पढ़ो कि पढ़ो पढ़ो और खूब पढ़ो....

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#कविता  कुंडलिया

सपना मेरा है सदा,मात करें साकार।
जय हो हरदम धर्म की, सुखी रहे संसार।।
सुखी रहे संसार, विकारों पर हो पहरा।
 माया छोड़े जोड़, ईश से नाता गहरा।।
 मिट जाए हर स्वार्थ, लोकहित जीवन अपना।।
 भू पर मानो स्वर्ग, यही है मेरा सपना।।
 
10/4/23

©Sudha Tripathi

कुंडलिया सपना मेरा है सदा,मात करें साकार। जय हो हरदम धर्म की, सुखी रहे संसार।। सुखी रहे संसार, विकारों पर हो पहरा। माया छोड़े जोड़, ईश से नाता गहरा।। मिट जाए हर स्वार्थ, लोकहित जीवन अपना।। भू पर मानो स्वर्ग, यही है मेरा सपना।। 10/4/23 ©Sudha Tripathi

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#कविता #Hanuman  

रोला छंद

प्रखर बुद्धि तप भक्ति, शक्ति के तुम हो आगर ।
पवन पुत्र निष्काम, हृदय से करुणा सागर।।
राम काज के अन्य, तनिक कुछ नहीं सुहाए।
 रघुपति के  जो दास,हृदय प्रभु राम  बसाए।।

सियाराम रसपान,कष्ट से हमें उबारे।
महाबली बलवंत, महाकपि सदा सहारे।।
रामदूत सब आस, मनोरथ पूर्ण करेंगे।
 भक्ति भाव विश्वास,हमेशा अटल भरेंगे।।

©Sudha Tripathi

#Hanuman

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#शायरी #dhundh  

जुदा चमन से  यूंँ बेरंग हो बहार चले
हयात में भला आँधी की क्यों गुबार चले

©Sudha Tripathi

#dhundh

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#विचार  

तपिश जो मिली वो सुहाने लगेंगे 
कोशिशों से मुकद्दर रंग अपने दिखाने लगेंगे

©Sudha Tripathi

तपिश जो मिली वो सुहाने लगेंगे कोशिशों से मुकद्दर रंग अपने दिखाने लगेंगे ©Sudha Tripathi

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