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"ज़ज्बात जब टूट कर सीने में बिखर जाते हैं, तब अल्फाज़ बन कर, काग़ज पर आह निकलती है! बड़ा मुश्किल होता है अपना दर्द_ए_दिल अंदाज़_ए_बयान करना, ज़ख़्मों को जब हवा लगती है तब दिल से वाह निकलती है!! ©Deepak Kumar 'Deep' "
ज़ज्बात जब टूट कर सीने में बिखर जाते हैं, तब अल्फाज़ बन कर, काग़ज पर आह निकलती है! बड़ा मुश्किल होता है अपना दर्द_ए_दिल अंदाज़_ए_बयान करना, ज़ख़्मों को जब हवा लगती है तब दिल से वाह निकलती है!! ©Deepak Kumar 'Deep'
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