"मुबारक हो तुमको नई मोहब्बत हम तुम्हारा शहर छोड़ चले,
तुमने तोड़ दिया हमारा दिल, हम तुमसे रिश्ता तोड़ चले।
खुश रहो तुम हमेशा, हमारी तो खुद से यही दुआ,
लेकर आँखों में आंसू, ग़मों की चादर हम ओढ़ चले।
जा रहे हैं हम तुम्हारे शहर से बेज़्ज़त होकर,
हम मंज़िल की और बढ़ने वाले कदमों को भी मोड़ चले।
कुछ टूट गए, कुछ कुछ बिखर गए हमारे दिल के अरमा
दिल में बहने वाली हर खुशी का लहू निचोड़ चले।
जब तक थे तुम साथ, ज़िंदा थे हम,
चले गए तुम, हम भी जीने आश छोड़ चले।
©Ak.writer_2.0
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