वो मुझे अपने मेहेंदी भरे हाथ दिखा कर रोई ,
मैं किसी और की हो रही हूँ,
वो मुझे ये बता कर रोई,
और जब मैंने पूछा के कौन है वो खुशनसीब,
वो मुझे मेहेंदी से लिखा नाम उसका दिखा कर रोई,
जब जाना उसने मेरे गिरते आंसुओं का सबब,
वो मेरे गिरते आंसू अपने हथेली पर सज़ा कर रोई,
और ग़म-ए-जुदाई से कहीं फट ना जाए मेरा सर,
वो खुद हसते-हसते मुझे हंसा कर रोई,
और शायद वाक़िफ़ थी वो आख़िरी मुलाकात के एहमियत से इसलिए फकत आख़िरी बार वो मुझे अपने सीने से लगा कर रोई..!
💯💔😒
©kaif_khan_50
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here