अरे आजादी का डोल पीठने वालो...
7 साल के रिश्ते मे रह कर मरयादा शंक भी बजा लीया होता..
अगर एक स्त्री कीसी रिश्ते मे रह कर आजादी मागंती है
तो पुरुष भी चाहता है की वो मरयादा मे रहे..
मानता हु की एक ताकतवर पुरुष ही स्त्री को आजादी देता है
लेकीन उस पुरुष को कमजोर भी वो स्त्री बनाती है जो मरयादा की हर सीमा
को लागं देती है
आज जो मेरी आखॉ के सामने हो रहा है वो पहले मेरी पीठ पीछे होता था
बस इतना फरक है
©abhay_j78
#feather