जो राह में मिला था साथ कभी,
वक्त के हाथों फिसल गया।
दर्द छुपाने की कोशिश में,
चेहरे पर निशां बना।।
जो वक़्त की धारा में खो गए,
वो लम्हे बस एक ख़्वाब बने।
दिल में छुपा है दर्द पुराना,
वो शब्दों में ढल कर अब जुबान बने।।
©नवनीत ठाकुर
#चेहरे पर निशान बने