"Kalam सोचता हूँ आज कुछ लिखा जाये,
प्यार मोहब्बत लिखुँ या रिश्तों का व्यपार लिखा जाये,
कैसे हुई उनसे पहली मुलाक़ात लिखुँ या बिछड़ने का कारण लिखा जाये,
कैसे गुजरे उसके संग दिन लिखुँ या वियोग में कैसे कटती है रात लिखा जाये,
बसंत के सुहाने दिन लिखुँ या बरसात में बरसती आँखों का पानी लिखा जाये,
ए दोस्त तू ही बता अपने संग उसका नाम लिखुँ या गुमनाम शायर लिखा जाये |
©Suresh Gulia
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