मैं लोगों को देखता हूं कभी-कभी लगता है व्यर्थ ही अपना जीवन जिए जा रहा है कोई मकसद नहीं किसी बात का कोई वजूद नहीं जीवन का कोई फलसफा नहीं लेकिन बात लंबी-लंबी करते हुए फिजूल मिल जाएंगे ऐसी बातों का फिजूलखर्ची करने वाले लोगों से क्या समाज और देश का निर्माण संभव है कतई नहीं
©Rishi Raj
#Sawera