ज़िन्दगी सीधे साधे चलना ठीक नही उबड़ खाबड़ पड़ाव भ | हिंदी कविता Video

"ज़िन्दगी सीधे साधे चलना ठीक नही उबड़ खाबड़ पड़ाव भी जरूरी है, तैरते तैरते बाजू थक जाएंगे एक पल के लिए नाव भी जरूरी है, बदलाव भी जरूरी है ये घाव भी जरूरी है, इतनी धूप अच्छी नही थोड़ी छांव भी जरूरी है..! ✍🏻✍🏻✍🏻 ©Rakesh(RK) "

ज़िन्दगी सीधे साधे चलना ठीक नही उबड़ खाबड़ पड़ाव भी जरूरी है, तैरते तैरते बाजू थक जाएंगे एक पल के लिए नाव भी जरूरी है, बदलाव भी जरूरी है ये घाव भी जरूरी है, इतनी धूप अच्छी नही थोड़ी छांव भी जरूरी है..! ✍🏻✍🏻✍🏻 ©Rakesh(RK)

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