emotional quote
  • Latest
  • Popular
  • Video

परवाह तो हम माता-पिता की दिये संस्कारों की करते हैं वरना फ़िक्र तो अब हम ख़ुद की भी नहीं करते हैं ...!! ©Vidya Jha

#nojotoLove #Emotional #self_love #darkness  परवाह तो हम माता-पिता की दिये संस्कारों की करते हैं 
वरना फ़िक्र तो अब हम ख़ुद की भी नहीं करते हैं ...!!

©Vidya Jha

kindly subscribe my yt channel ANKAHE LAFZ ❤️❤️ #darkness #tanha #Emotional #Nojoto #Love #SAD #nojotoLove #Heart #self_love

14 Love

#शायरी #darkness  हक़ मोहबत का वो ऐसे दे गयी
मुझे भूल जा वो जाते जाते कह गयी
नहीं बोलूंगी कभी वो कसम खा गयी
तुझसे हद से ज्यादा हो गयी नफ़रत
वो मुझे बेवफा जाते जाते कह गयी....

©Sangam Pipe Line Wala

#darkness

135 View

बीत गए महरूमियत के दिन सदमा अब क्या बाकी है जिनके लिए खाक ना हुए ऐसा जीना भी अब ना काफी है ©chandni

#darkness  बीत गए महरूमियत के दिन
सदमा अब क्या बाकी है

जिनके लिए खाक ना हुए
ऐसा जीना भी अब
 ना काफी है

©chandni

#darkness

53 Love

                
                   हम ही क्यों?

            हर बार हमेशा हम ही क्यों
खुशियां हमारे हिस्से की
जाने कौन चुरा ले जाता है 
हमारे हिस्से में जाने रह जाते हैं गम ही क्यों 
हर बार हमेशा हम ही क्यों?

सेठ का बेटा खूब कमाए
आधा फेंके, आधा खाए
सदा भारी रहती है सेठ की थाली
हमारी थाली में सदा कम ही क्यों 
हर बार हमेशा हम ही क्यों ?

सेठ के बच्चे हंसते गाते
जीवन का हर पल जी जाते हैं
पर हर बार हमारी ही आंखें नम क्यों
हर बार हमेशा हम ही क्यों ?

©Sushil Patial

हम ही क्यों?

253 View

#कविता  लहज़ा बहुत  ही खूबसूरत है,
दिल-ए-अंदाज में एक कस़ीस है।
दिल को छू लेता है दूर से..
अगर पास होती आप...
आपके खयालात के नज़्म को,
मैं करीब आकर के लिख देता।
आपके गेसूओं के रंग को,
मैं उतार देता करीब आ कर के,
आंखों की नमी को सोख लेता,
मैं करीब आकर के।
दर्द क्या होता..जिंदगी क्या होता है?
ये मैंने जाना तुम्हारे करीब आ कर के।
गुनगुनी ठंड और गुनगुनी धूप की,
चाहतों की डूबती लकीरों को, 
आज सुबह देखा  उठा जब,
तुम्हारी आंखों को पढ़कर के।
                                       -राजीव

©Rajiv

लहज़ा बहुत ही खूबसूरत है, दिल-ए-अंदाज में एक कस़ीस है। दिल को छू लेता है दूर से.. अगर पास होती आप... आपके खयालात के नज़्म को, मैं करीब आकर के लिख देता। आपके गेसूओं के रंग को, मैं उतार देता करीब आ कर के, आंखों की नमी को सोख लेता, मैं करीब आकर के। दर्द क्या होता..जिंदगी क्या होता है? ये मैंने जाना तुम्हारे करीब आ कर के। गुनगुनी ठंड और गुनगुनी धूप की, चाहतों की डूबती लकीरों को, आज सुबह देखा उठा जब, तुम्हारी आंखों को पढ़कर के। -राजीव ©Rajiv

92 View

Trending Topic