मारने को पत्थर सेना को,
इनका कलेजा नहीं पसीजा।
इससे ज्यादा अब ओर यारों,
इंसान कितना बनेगा कमीना।
खाने की थाली में छेद करना,
इनकी खासियत हो गयी हैं।
भूखे नंगे देश से दोस्ती की,
इन्हे गन्दी आदत हो गयी हैं।
वो खुद भूखा नंगा मुल्क हैं,
तुम्हे क्या रोटी खिलाएगा।
खुद को मांग रहा सभी से,
तुमसे भी भीख मंगवाएगा।
हक की बात तुम्हारे मुंह से,
अब अच्छी नहीं लगती हैं।
कश्मीरी पंडितो की दुर्दशा,
जिन्हे सच्ची नहीं लगती हैं ।
कश्मीर हिन्दुस्तान का हिस्सा,
था और हमेशा ऐसे ही रहेगा,
करेगा जो मेरे देश से गद्दारी,
सेना की गोली से यूहीं मरेगा
तरक्की करने के ख्वाब पालो,
जाहिलो जैसा ये काम ना करो,
कोसें आने वाली पीढ़ियां तुम्हे,
इतिहास में ऐसा नाम ना करो।
-Keshav
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