Heart Beat increases when, याद आयी आज फिर किसी, अधूरे से ख्वाब की;
डायरी में जब दिखीं, सूखी पंखुड़ियाँ गुलाब की।
उनका वो आस-पास रहना,
साथ होकर भी कुछ न कहना;
अदा थी उनकी कातिलाना,
और नज़र थी, आफ़ताब सी।
उनकी आवाज की कशिश वो,
उनके व्यक्तित्व की तपिश वो;
चैन छीन लेती थीं मेरा, उनके
चेहरे पर रौनक वो, महताब सी।
ताज़ा हो गयी आज फिर यादें, उस अधूरे प्यार की;
डायरी में जब दिखीं, सूखी पंखुड़ियाँ गुलाब की।
- Swati Bhargava
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