पहली बार मिले और उसने एक अजीब सी इनायत दिखाई
चेहरे पर थोड़ी नमी होंठों पर हल्की मुस्कान ऑर अकस्मात् जोरो से खिलखिलाई
बहरहाल
शुक्रिया उस रब की जिसने उस काया को बनाई
लोगों की इस भीड़ में उसको सिर्फ हमसे मिलवाई
वरना जिंदगी में ख़ूबसूरत पल होते कहा है पर जीवन की एक खुशनुमा पल बनाई,
जमाने में ख़ुदा होते हैं एक बार फ़िर से यकीन दिलाई,
कैसे शुक्रिया दा करूँ उसकी, जिसने मुझे जीने की एक नई सलीका सिखाई
ईक राह नई दिखाई
जीने की सलीका सिखाई, राह नई दिखाई.
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