खेल में राजनीति के,मानुष है लाचार। घर-घर घूमें नेताजी,करने यहाँ प्रचार।।१ वोट माँगना धर्म है,कहते हैं वो आज। हाल कभी पूछा नहीं,माँग रहे हैं ताज।।२ कुर्सी की माय.
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