मिट्टी से बनी थी मिट्टी ही बन जाऊंगी , और इससे ज्यादा कुछ न कर पाई और ना ही कर पाउंगी .... रोती हुई आई थी, रुलाती हुई जाऊंगी पैरों की धूल हूं हवाओं में बिखर ज.
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