ये शाम ए रंगीन.. और ये.. अशिक़ाना समा.. साथ में लबों का यूँ.. कुछ गीत गुनगुनाना, ये सारे यूँ ही.. शाम ए मिज़ाज़.. तो नहीं हैं.
1 Stories
14 Love
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here