ना चांद। से पूंछों ना अम्बर से पूंछों जो ढाए सितम उस सितमगर से पूंछों बिछड़ने की तकलीफ़ होती है कितनी ये जाते हुए इस "दिसम्बर" से पूंछों ©Farman Ku.
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