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Unsplash ना चांद ना सूरज ना अम्बर से पूंछों जो ढाए सितम उस सितमगर से पूंछों बिछड़ने की तकलीफ़ होती है कितनी ये जाते हुए इस "दिसम्बर" से पूंछों ©Farman Kurawali
Farman Kurawali
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Tuesday, 31 December | 09:36 am
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ना चांद ना सूरज ना अम्बर से पूंछों जो ढाए सितम उस सितमगर से पूंछों बिछड़ने की तकलीफ़ होती है कितनी ये जाते हुए इस "दिसम्बर" से पूंछों ©Farman Kurawali
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Google अम्न की बातें करना न वो अपने मन से सीखेंगे छोड़ गए जो आज यहाँ वो उस दर्पण से सीखेंगे कैसे हिंदुस्तान को आगे ले जाया जा सकता है दुनियों वाले सदियों तक ये मनमोहन से सीखेंगे ©Farman Kurawali
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