हृदय हो वृन्दावन मेरा,जहां कान्हा ने लीला रची हैं। गोकुल में इक छोटा सा घर हो,जहां पली वृषभानु लली हैं। जीवन बिताऊं उन कुंजन में,जहां बांके बिहारी विराजें। म.
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