भावचित्र ््
निज विचार ््
््शीर्षक ््
््मन की व्यथा ््
सुंदर रचना सुंदर लेखन रचना है ,,
संवरचनाकी से कलम दवात कागज पर लिखकर चित्र बहुत दिल में उतर गया।
मेरे मित्र आपके जस्बात से जन्मा विचार सच है,, धन्यवाद् राम में ही आवृत्ति प्रवृत्ति निरन्तर प्रगति विरोध समर्थन दोनों ही आनंद दे सकता है ।।
मैं सोच रहा हूं,
मैं आपके साथ खड़ा हूं।
मसला मक्ता जेहन से अपना रिश्ता अनमोल वचन क्षण पल है ,,
सूर्य चंद्र दर्शन सपनो में प्यार अमर उजाला है।।
मन खटृटा करने से कुछ बिगड़ने वाला नहीं है,,
आप आगे बढ़ो हम दिलों से सजाया गया,
भाव भंगिमा इच्छा शक्ति प्रेम शब्द ग़ज़ल में ,
एक स्वर पुकार नाद प्रेम शब्द है ।।
राम नाम सुखदाई है तो देश दुनिया सुनती हैं,, आनंद भयो जग में जगदीश्वरी मां शब्दों में।।
्््कवि््शैलेन्द़ आनंद ््
22,, नवम्बर 2024
©Shailendra Anand
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