अभी कुछ तो शेष है मुझमें अभी हारा नहीं हूँ मैं ! एक दिन चमकना है मुझको भी भले ही तारा नहीं हूँ मैं ! मेरे भीतर भी प्रवाह रहता है पर जल की धारा नहीं हूँ मैं !.
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