लाख पतन हो जाए फिर भी
हार नहीं मानूंगा मैं !
हो समय भले विपरीत किंतु
तकरार नहीं ठानूंगा मैं !
मैं ताने सुनकर भी सह लूंगा,
मैं गाली सुनकर भी रह लूंगा,
हर तानों से लड़ जाऊंगा
पर भीख नहीं मांगूंगा मैं !!
माना है, कठिन डगर लेकिन
हर मुश्किल पर चल जाऊंगा !
हो ऊंचा पर्वत कितना भी मैं
मेहनत से चढ़ जाऊंगा !!
द्वंद्व छिड़ा है अंतर्मन में तो
खुद से संवाद करूंगा मैं,
हर मुश्किल से लड़ जाऊंगा पर
खुद को आबाद करूंगा मैं !! by Ram
©Abeer Singh
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