कमलेश चिड़िया भी अब पड़ गईं अकेले न जाने कितनों को मिटाएंगे इंसानों के मेले इस धरती पर सब जीवों का हक है बराबर फिर इंसान करता क्यों है इतने झमेले। गुरू का ज्ञ.
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