गंगा में विलीन “मेरा गांव”

वह ठिकाना 
जो मेरा अस्
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गंगा में विलीन “मेरा गांव” वह ठिकाना जो मेरा अस्तित्व था, मेरा जड़ था और मेरे जिंदगी का गुरूर था जहां जाने के लिए किसी से , इजाजत की जरूरत न थी ! वहां अपना पराया कुछ नहीं था पूरा गांव अपना परिवार था और आज मेरा आधा गांव गंगा में विलीन हैं वह घर – वह द्वार वह मंदिर – वह पाठशाला वह बाजार – वह चौराहा सबको गंगा ने अपने में समेट लिया आखिर मां का ये रौद्र रुप क्यू ? जिसके दर्शन मात्र से जीवन के पाप – ताप , सारे अभिशाप मिट जाते है ! जिसमे एक बार डुबकी लगा लेने से 84 लाख योनियों से छुटकारा मिल जाता है ! आज वो मां गांव – गांव को अपने में समेट ली ! सबके गांव को इतिहास बना दी सबको बेसहारा बना दी लोगो के मन में जीवन भर के लिए अपने निर्मल जल को कलंकित घोषित कर दी ! ©बद्रीनाथ✍️

#जवैनिया #कविता #jawainiya  गंगा में विलीन “मेरा गांव”

वह ठिकाना 
जो मेरा अस्तित्व था, 
मेरा जड़ था 
और मेरे जिंदगी का गुरूर था
जहां जाने के लिए किसी से ,
इजाजत की जरूरत न थी !
वहां अपना पराया कुछ नहीं था 
पूरा गांव अपना परिवार था 
और 
आज मेरा आधा गांव गंगा में विलीन हैं 
वह घर – वह द्वार
वह मंदिर – वह पाठशाला
वह बाजार – वह चौराहा 
सबको गंगा ने अपने में समेट लिया 
आखिर मां का ये रौद्र रुप क्यू ?
जिसके दर्शन मात्र से
जीवन के पाप – ताप ,
सारे अभिशाप मिट जाते है !
जिसमे एक बार डुबकी लगा लेने से
84 लाख योनियों से छुटकारा मिल जाता है !
आज वो मां
गांव – गांव को अपने में समेट ली !
सबके गांव को इतिहास बना दी
सबको बेसहारा बना दी 
लोगो के मन में 
जीवन भर के लिए
अपने निर्मल जल को
कलंकित घोषित कर दी !

©बद्रीनाथ✍️
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