हमें तो झरनों में राग सुनायीं देता है, हमें तो सूर्य में आग दिखाई देता है। यहां किस-किस को कहूं चरित्रहीन, हमें तो चांद में दाग दिखाई देता है।। ©Er VKB Shaya.
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