इक दौर ए मकबुलियत देखी है। हमने सबकी सहूलियत देखी है। आप निगाहों से गुफ्तगू करते हो। ग़ज़ब आपकी मासूमियत देखी है। आग से आग बुझाने की चाहत है। दुश्मनों की भी ख.
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