गवाही कैसे टूटती मुआमला ख़ुदा का था
मेरा और उस का राब्ता तो हाथ और दुआ का था,
लहू-चशीदा हाथ उस ने चूम कर दिखा दिया
जज़ा वहाँ मिली जहाँ कि मरहला सज़ा का था....
एक श्रदांजलि उनके नाम भी जो पिछले साल आज के ही दिन अमृतसर में ट्रेन की चपेट मेंआने के कारण 217 लोगो की मृत्यु हो गई थी....आज उस घटना को एक साल पूरा हो गया है....!!
भगवान उनकी आत्मा को शान्ती दे...!!
एक श्रदांजलि उनके नाम भी जो पिछले साल आज के ही दिन अमृतसर में ट्रेन की चपेट मेंआने के कारण 217 लोगो की मृत्यु हो गई थी....आज उस घटना को एक साल पूरा हो गया है....!!
भगवान उनकी आत्मा को शान्ती दे...!!
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koi aap ko khush kare
to uska dil na dukhana
or nahi to uska karj hi
chukana
agar koi ruthe to usko
dil se manana
fir jindgi main us se
kabhi dur na jana
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