कुछ भी पास नहीं लुटा हुआ ख़ज़ाना हूं मैं.. दर - बदर फिरता हुआ एक दीवाना हूं मैं.. मेरी कोई बात पे ऐतबार करता कहाँ है कोई... पागल हूं यही सबका बहाना हूं मैं.
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