Out Of Sight
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I still see you around is it my delusion? Reality is harsh It doesn't believe in illusion. I still see you smiling Oh ! that pretty face !! going through your pictures Fills my empty space. I still feel you're watching from there, where I can't reach.... Angels didn't pay heed... That was surely a breach. What if I want to hug you and shower you with kisses?? but you are nowhere that's what mamma misses 😔 ©Preeti Babbar

#SAD  I still see you around
is it my delusion?
Reality is harsh
It doesn't believe in illusion.

I still see you smiling
Oh ! that pretty face !!
going through your pictures
Fills my empty space.

I still feel you're watching 
from there, where I can't reach....
Angels didn't pay heed...
That was surely a breach.

What if I want to hug you
and shower you with kisses??
but you are nowhere 
that's what mamma misses 😔

©Preeti Babbar

I still see you

13 Love

డార్లింగ్°°° తప్పిపోయిన వాళ్ళు దొరుకొచ్చు. పారిపోయిన వాళ్ళు దొరుకొచ్చు. కానీ.. మారిపోయిన వాళ్ళు దొరకడం కష్టం..! ©VADRA KRISHNA

#మోటివేషన్ #outofsight  డార్లింగ్°°°

తప్పిపోయిన వాళ్ళు దొరుకొచ్చు.
పారిపోయిన వాళ్ళు దొరుకొచ్చు.
కానీ..
మారిపోయిన వాళ్ళు దొరకడం కష్టం..!

©VADRA KRISHNA

#outofsight

15 Love

औरत का दर्द=मर्द ©shaurya singh ARTS

#Motivational #😜😜  औरत का दर्द=मर्द

©shaurya singh ARTS

#😌😌

14 Love

सबसे बुरा वक़्त कितना खौफनाक होता जब तुम जीवित हो लेकिन हृदय मृत्य है और उससे भी अधिक खौफनाक जब तुम उसी वक़्त पर अपने पसंदीदा इंसान से भी अलग हो गए हो ! ©Su MAn Chauhan

#outofsight  सबसे बुरा वक़्त कितना खौफनाक होता जब तुम जीवित हो 
लेकिन हृदय मृत्य है 
 
और उससे भी अधिक खौफनाक
 जब तुम उसी वक़्त पर अपने पसंदीदा इंसान से भी अलग हो गए हो !

©Su MAn Chauhan

#outofsight

12 Love

*शीर्षक - तथाकथित मर्द जात* *( व्यंग )* औरत की गलती पर जो तुमको सताते ना समझ जो तुम्हारी ही कमियां गिनाते ना दो ध्यान इन पर , बनो तुम विचारक करो नाम सार्थक , ऐ ! महिला सुधारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* तुम्हारी नहीं , कोई इसमें खता है हैं नजरें ही चंचल ,ये सबको पता है बहक जाता मन , देख सुन्दरताई प्रभु ने ये नेमत , की तुमको अता है नजरें ही करवाती दुष्कृत्य विदारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* ये माथे की बिंदिया ये चूड़ी ये कंगन सुनाई दी कानों में पायल की छन छन तभी तो है मन से ये आवाज़ आई मैं आगोश में लूं तो हो तृप्त तन - मन तुच्छ भावना की, औरत ही कारक *तथाकथित मर्द जात तुम्हे , तरक्की मुबारक* नहीं है सलीका , रहने का इनको समझें नहीं खुद के आगे किसी को ना जाने ही , कैसा गुरूर है इनमें अबला से सबला बनाया है जिन को अच्छा किए बन , गुरूर का तारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* अश्लीलता की , हर हदें पार करतीं नहीं धीर मन में , ये औरत ही धर्ती स्वयं को बचाती , तुम्हे दोषी कह के पर्दे में , आखिर ये क्यूं नहीं रहतीं ? बनना पड़ा , तुमको इनका संहारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* कि सबसे बड़ी , खता इनकी ये है जो गर्भ में पाली , तुम्हें आज ये है हृदय से लगा करके सींचा तुम्हे क्यूं मसल दो इन्हें , सजा इनकी ये है डटे तुम रहो गर , तो बनेगा स्मारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक.....* *✍️ *अपर्णा त्रिपाठी "मासूम"* ✍️ ✍️ *महराजगंज ✍️**से ©मासूम

#कोट्स  *शीर्षक - तथाकथित मर्द जात*
     *( व्यंग )*

औरत की गलती पर जो तुमको सताते
ना समझ जो तुम्हारी ही कमियां गिनाते
ना दो ध्यान इन पर , बनो तुम विचारक
करो नाम सार्थक , ऐ ! महिला सुधारक
*तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक*

तुम्हारी नहीं , कोई इसमें खता है
हैं नजरें ही चंचल ,ये सबको पता है
बहक जाता मन , देख सुन्दरताई
प्रभु ने ये नेमत , की तुमको अता है

नजरें ही करवाती दुष्कृत्य विदारक
*तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक*

ये माथे की बिंदिया ये चूड़ी ये कंगन
सुनाई दी कानों में पायल की छन छन
तभी तो है मन से ये आवाज़ आई
मैं आगोश में लूं तो हो तृप्त तन - मन

तुच्छ भावना की, औरत ही कारक
*तथाकथित मर्द जात तुम्हे , तरक्की मुबारक*

नहीं  है  सलीका , रहने  का  इनको
समझें नहीं खुद के आगे किसी को
ना  जाने ही , कैसा  गुरूर  है  इनमें
अबला से सबला बनाया है जिन को

अच्छा किए बन , गुरूर का तारक
*तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक*

अश्लीलता की , हर हदें पार करतीं
नहीं धीर मन में , ये औरत ही धर्ती 
स्वयं को बचाती , तुम्हे दोषी कह के
पर्दे में , आखिर ये क्यूं नहीं रहतीं ?

बनना पड़ा , तुमको इनका संहारक
*तथाकथित मर्द जात ,  तुम्हे तरक्की मुबारक*

कि सबसे बड़ी , खता इनकी ये है
जो गर्भ में पाली , तुम्हें आज ये है
हृदय से लगा करके सींचा तुम्हे क्यूं
मसल  दो  इन्हें , सजा इनकी ये है

डटे तुम रहो गर , तो बनेगा स्मारक
*तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक.....*

 *✍️ *अपर्णा त्रिपाठी "मासूम"* ✍️
          ✍️ *महराजगंज ✍️**से

©मासूम

तथाकथित मर्द जात तुम्हें तरक्की मुबारक#outofsight गोल्डन कोट्स इन हिंदी

13 Love

मैं अब मौत के बहुत ज्यादा करीब हूँ... ये दिन मेरे आखिरी भी हो सकते हैं... ©R...anu

#SAD  मैं अब मौत के बहुत ज्यादा करीब हूँ...

ये दिन मेरे आखिरी भी हो सकते हैं...

©R...anu

आखिरी🥹

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