वतन मेरा है मेरी ज़िन्दगानी। मुहब्बतों की है यह निशानी।। देश मेरा मेरे दिल में यूं धड़कता। गाऐ नज़्म जैसे मीठी ज़ुबानी।। इसके ज़र्रे ख़ूं से लिपटी है। जा.
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