ना बेवजह सांझ हुई.. ना हुआ बेवजह सवेरा, किस्मत की लकीरों को न कोस संघर्षरत है जीवन चाहे तेरा हो या मेरा क्यूकि समय इतजार नहीं करता वो हो तेरा या फिर मेरा |.
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