★...क़ैद हैं★...ग़ज़ल...★ क्यूँ यहाँ सब लोग अब यूँ मुश्किलों में क़ैद हैं ज़िन्दगी के मोड़ सब क्यों नफ़रतों में क़ैद हैं आजकल अख़बार की सब सुर्ख़ियों में क.
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