हसीन उल्फ़त हो तो भी नफ़रत देखी,,
मैंने चश्मों से ऐसी वहशत देखी।।1
joke.. हुई ज़ान-ए-ज़ां चध्म-ए-उलफत
करार भर कर क्यों खोटी मुहब्बत देखी।।2
सफाई बहाने ज़नाव भर आई चशमें ््
कहीं समझ कर रब की यह रहमत देखी।।3
कहीं संवर्ती कहीं बिगड़ती तस्वीरें््
आईने में आईने पर लानत देखी।।4
हक़ीम लुक़मान हुआ तनकर चौड़ा जब,,
मरीज आया दवा में क्या ताकत देखी।।5
©Shree Shayar
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