गलती की माफ़ी मांगे हम सबसे जाने अनजाने में गलतिय
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तू जान हे मेरी, बस इतनी शी बात, तू जान लेना मेरी ।। ©Abhishek Khunt "અજ્ઞેય"

 तू जान हे मेरी,
बस इतनी शी बात,
तू जान लेना मेरी ।।

©Abhishek Khunt "અજ્ઞેય"

तू जान हे मेरी, बस इतनी शी बात, तू जान लेना मेरी ।। ©Abhishek Khunt "અજ્ઞેય"

9 Love

विनम्र भाव कठोर हृदय को झकझोर कर देता है उसकी कठोरता कुछ दिनों में पिघल कर अपनत्व का रूप धारण कर लेती है। ©Satish Kumar Meena

#विचार  विनम्र भाव कठोर हृदय को झकझोर कर देता है उसकी कठोरता कुछ दिनों में पिघल कर अपनत्व का रूप धारण कर लेती है।

©Satish Kumar Meena

विनम्र भाव

14 Love

गलती मानने के लिए कलेजा चाहिए, गलती निकालने के लिए भेजा चाहिए। ©Swati

#विचार #हुनर  गलती मानने के लिए कलेजा चाहिए,
गलती निकालने के लिए भेजा चाहिए।

©Swati

#हुनर

26 Love

सत्य को छुपाना आसान नही अब तो कह दो इन हाथों में जान नहीं चेहरे तक थकावट आ चुकी है क्या मुझे है पहचान नही। मेरे सिरहाने अपनी नींद रखकर रातों को जागना तेरा मेरे चेहरे पर मुस्कान देख बन जाता था दिन तेरा। मेरे रूठ जाने पर मुझे मनाने के जतन करना मेरी सिसकियों की परवाह में आंखे आसुंओं से भरना। मेरी मुसीबत कभी मेरी नही होती थी जिस दिन मैं दुखी होता था मेरी मां भी रोती थी। (कैप्शन देखें) मेरी मुसीबत कभी मेरी नही होती थी जिस दिन मैं दुखी होता था मेरी मां भी रोती थी। उज्ज्वल अपनी तकदीर जब कमजोर लगती है मैं मां को सोचता हूँ भगवान ने मां देकर सब दे दिया उनके हाथ जोड़ता हूँ। अब जब मन्दिर में खड़ा हूँ तो मां की याद आती है भगवान से ज्यादा मां मेरे सुख-दुख की साथी है। ©Durga Gautam

#कविता  सत्य को छुपाना आसान नही अब तो कह दो इन हाथों में जान नहीं चेहरे तक थकावट आ चुकी है क्या मुझे है पहचान नही।
मेरे सिरहाने अपनी नींद रखकर रातों को जागना तेरा मेरे चेहरे पर मुस्कान देख बन जाता था दिन तेरा।
मेरे रूठ जाने पर मुझे मनाने के जतन करना मेरी सिसकियों की परवाह में आंखे आसुंओं से भरना।
मेरी मुसीबत कभी मेरी नही होती थी जिस दिन मैं दुखी होता था मेरी मां भी रोती थी। (कैप्शन देखें)
मेरी मुसीबत कभी मेरी नही होती थी जिस दिन मैं दुखी होता था मेरी मां भी रोती थी।
उज्ज्वल
अपनी तकदीर जब कमजोर लगती है मैं मां को सोचता हूँ भगवान ने मां देकर सब दे दिया उनके हाथ जोड़ता हूँ।

अब जब मन्दिर में खड़ा हूँ तो मां की याद आती है भगवान से ज्यादा मां मेरे सुख-दुख की साथी है।

©Durga Gautam

सत्य को छुपाना आसान नही अब तो कह दो इन हाथों में जान नहीं चेहरे तक थकावट आ चुकी है क्या मुझे है पहचान नही। मेरे सिरहाने अपनी नींद रखकर रातों को जागना तेरा मेरे चेहरे पर मुस्कान देख बन जाता था दिन तेरा। मेरे रूठ जाने पर मुझे मनाने के जतन करना मेरी सिसकियों की परवाह में आंखे आसुंओं से भरना। मेरी मुसीबत कभी मेरी नही होती थी जिस दिन मैं दुखी होता था मेरी मां भी रोती थी। (कैप्शन देखें) मेरी मुसीबत कभी मेरी नही होती थी जिस दिन मैं दुखी होता था मेरी मां भी रोती थी। उज्ज्वल अपनी तकदीर जब कमजोर लगती है मैं मां को सोचता हूँ भगवान ने मां देकर सब दे दिया उनके हाथ जोड़ता हूँ। अब जब मन्दिर में खड़ा हूँ तो मां की याद आती है भगवान से ज्यादा मां मेरे सुख-दुख की साथी है। ©Durga Gautam

9 Love

 शीर्षक - माँ

हे माँ! तुम निर्मल-कोमल हो, इसका तात्पर्य नहीं, अबला।
है सहन-शक्ति तुझमें इतना, नवजीवन करती सृजन देख!

माँ! तुम मेरी श्रद्धा हो! हो त्याग सरलता की मूरत,
हे जननी! हम सब तेरे ऋणी, करती न्योछावर अंग देख!

कैसे निर्धारित करें कोई, हो 'मातृ दिवस' बस क्यों एक दिन?
मेरे तो प्रतिदिन तेरे माँ, मुझ पर वारे  हर रंग देख!

ममता के आँचल से  हे माँ! इस जग से हमें बचाते हो,
माँ बना रहे आशीष तेरा, सर्वस्व समर्पित चरण देख!

हमने तुझको प्रतिदिन देखा, जीवन की चक्की में पिसते!
बस एक दिन तुझे समर्पित हो, क्यों समझे ना जन मन देख!

माँ  तुझ पर वारूँ हर एक पल, जब तक चलती है श्वास मेरी!
हे माँ  मैं तुझसे अलग नहीं, तेरी प्रतिछाया है तन-मन देख!

हे माँ  तुम पर मैं लिख  दूँ क्या, रचना तुमने तो मेरी की!
हर नारी में तुम विद्यमान, इस रचनाकार का संग देख!

©संवेदिता "सायबा"

शीर्षक - माँ हे माँ! तुम निर्मल-कोमल हो, इसका तात्पर्य नहीं, अबला। है सहन-शक्ति तुझमें इतना, नवजीवन करती सृजन देख! माँ! तुम मेरी श्रद्धा हो!

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#shayariboy #Hindi  कि ऐ दर्द इतना भी दर्द ना दे हमें

की हम तेरे बगैर जीना सीख लें..

दिल रोने लगा है हमारा कहीं ऐसा 

न हो इन आशुओं को शराब में 

मिलाकर पीना सीख लें

©Meghwans Saab

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