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रोएं भी तो किसके गले लग कर इस शहर में तो सभी पराए हैं हर चेहरा अनजाना है ©Manju Vashishtha

#सब #SAD  रोएं भी तो किसके गले लग कर इस शहर में तो सभी पराए हैं हर चेहरा अनजाना है

©Manju Vashishtha

#सब

11 Love

रोएं भी तो किसके गले लग कर हर रिश्ते ने ठुकराया है हाथ मेरे बस ग़म आया है ©Manju Vashishtha

#सब #SAD  रोएं भी तो किसके गले लग कर हर रिश्ते ने ठुकराया है हाथ मेरे बस ग़म आया है

©Manju Vashishtha

#सब

12 Love

बहुत सी ख्वाहिशें हैं दिल में मेरे ना जज़्बात बयां किए ना ही आरज़ू सोचे तो थे कई लम्हे साथ गुजरेंगे पर वक्त का ना होना साथमे! ज़िंदगी भी अजीब खेल खेलती है मुर्शीद, ना ख्वाहिशें मुकम्मल हुई ना जज़्बात बयां हुए बस सब एक एक करके चले गए!! ©Surkh ( سرخ )

#feelings  बहुत सी ख्वाहिशें हैं दिल में मेरे
ना जज़्बात बयां किए ना ही आरज़ू
सोचे तो थे कई लम्हे साथ गुजरेंगे पर वक्त का ना होना साथमे!
ज़िंदगी भी अजीब खेल खेलती है मुर्शीद,
ना ख्वाहिशें मुकम्मल हुई ना जज़्बात बयां हुए
बस सब एक एक करके चले गए!!

©Surkh ( سرخ )

#feelings #Life #nojoto

12 Love

आज खुश हूं कि मैं तन्हा रहता अकेला किसी का बोझ नहीं मुझ पर ‌ ना तो भावनाएं हैं ना कोई गम अकेला हूं खुश हूं जिंदगी में एक पल आएगा जब सब साथ छोड़ जाएंगे यह खून का रिश्ता भी टूट के वह तन्हा टूट जाता है क्योंकि जब समय का कुदरत दस्तूर खेलता है यह जिंदगी है यहां सब खत्म हो जाता है शरीर और आत्मा भी एक नहीं है यह तो तन्हाइयां और परछाइयां जैसी सांस और मृत्यु का खेल है अकेला हूं और अकेला रहूंगा यही जिंदगी का अरमान है single life unmarried life ©person

 आज खुश हूं कि मैं तन्हा रहता अकेला किसी का बोझ नहीं मुझ पर ‌
ना तो भावनाएं हैं ना कोई गम अकेला हूं खुश हूं जिंदगी में 
एक पल आएगा जब सब साथ छोड़ जाएंगे यह खून का रिश्ता भी टूट के वह तन्हा टूट जाता है क्योंकि जब समय का कुदरत दस्तूर खेलता है यह जिंदगी है यहां सब खत्म हो जाता है 
शरीर और आत्मा भी एक नहीं है यह तो तन्हाइयां और परछाइयां जैसी 
सांस और मृत्यु 
का खेल है अकेला हूं और अकेला रहूंगा यही जिंदगी का अरमान है 
single life unmarried life

©person

poetry

15 Love

 जितने भी कल मेरे साथ खड़े थे जरा सी क्या मुश्किलें पड़ी मुझ पर बीच समंदर डुबो चले

©kunti sharma

जितने भी कल मेरे साथ खड़े थे जरा सी क्या मुश्किलें पड़ी मुझ पर बीच समंदर डुबो चले ©kunti sharma

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 अब बिल्कुल तन्हा हम हो गए अपनों से घिरे रहते थे अब अकेले हो गए

©kunti sharma

अब बिल्कुल तन्हा हम हो गए अपनों से घिरे रहते थे अब अकेले हो गए ©kunti sharma

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