आज खुश हूं कि मैं तन्हा रहता अकेला किसी का बोझ नही | हिंदी Poetry

"आज खुश हूं कि मैं तन्हा रहता अकेला किसी का बोझ नहीं मुझ पर ‌ ना तो भावनाएं हैं ना कोई गम अकेला हूं खुश हूं जिंदगी में एक पल आएगा जब सब साथ छोड़ जाएंगे यह खून का रिश्ता भी टूट के वह तन्हा टूट जाता है क्योंकि जब समय का कुदरत दस्तूर खेलता है यह जिंदगी है यहां सब खत्म हो जाता है शरीर और आत्मा भी एक नहीं है यह तो तन्हाइयां और परछाइयां जैसी सांस और मृत्यु का खेल है अकेला हूं और अकेला रहूंगा यही जिंदगी का अरमान है single life unmarried life ©person"

 आज खुश हूं कि मैं तन्हा रहता अकेला किसी का बोझ नहीं मुझ पर ‌
ना तो भावनाएं हैं ना कोई गम अकेला हूं खुश हूं जिंदगी में 
एक पल आएगा जब सब साथ छोड़ जाएंगे यह खून का रिश्ता भी टूट के वह तन्हा टूट जाता है क्योंकि जब समय का कुदरत दस्तूर खेलता है यह जिंदगी है यहां सब खत्म हो जाता है 
शरीर और आत्मा भी एक नहीं है यह तो तन्हाइयां और परछाइयां जैसी 
सांस और मृत्यु 
का खेल है अकेला हूं और अकेला रहूंगा यही जिंदगी का अरमान है 
single life unmarried life

©person

आज खुश हूं कि मैं तन्हा रहता अकेला किसी का बोझ नहीं मुझ पर ‌ ना तो भावनाएं हैं ना कोई गम अकेला हूं खुश हूं जिंदगी में एक पल आएगा जब सब साथ छोड़ जाएंगे यह खून का रिश्ता भी टूट के वह तन्हा टूट जाता है क्योंकि जब समय का कुदरत दस्तूर खेलता है यह जिंदगी है यहां सब खत्म हो जाता है शरीर और आत्मा भी एक नहीं है यह तो तन्हाइयां और परछाइयां जैसी सांस और मृत्यु का खेल है अकेला हूं और अकेला रहूंगा यही जिंदगी का अरमान है single life unmarried life ©person

poetry

People who shared love close

More like this

Trending Topic